पिरामिड के अदंर क्या है?

पिरामिड क्यों बनाए  गए थे? 

पिरामिड के अंदर क्या है? Pathan

पहले यह माना जाता था कि पिरामिड राजा व रानी की ममि को रखने के लिए बनाए जाते थे पहले मिश्र के लोगों का मानना था की अगर राजा और रानी की ममि को पिरामिड में एक perfect alignment में रखा जाए तो रात के समय तारों के जरिय उनकी आत्मा( Soul ) ऊपर तारों में जाने से उन्हे पुः जन्म प्राप्त होगा, जिसके कारण पिरामिड बनाए गए थे।

  लेकिन सायद आपको जानकर हैरानी होगी की जब पिरामिड पर research किया गया तो वहां पर एक भी ममि नहीं मिलि, जिसके बाद यह माना जाने लगा की पिरामिड ममि रखने के लिए तो नहीं बनाए गए थे।
कुछ वैज्ञानिक research और Theorys( ORION theory) की मानें तो एलियन नें इन पिरामिड को अपने लिए बनाया था एलियन पहले धरती पर आए थे और अपने साथ advance technology लाए थे तथा धरती पर अपने planet से सम्पर्क बनाने के लिए उन्होने इन पिरामिड को बनाया था।माना जाता है की जिन तारों से pyramid perfect alignment बनाते हैं एलियन उन्ही तारों मेसे आए थे और अपने किसी कार्य के लिए पिरामिड को बनाया था। लेकिन इस Theory में कितनी सच्चाई है यह कोई नहीं जानता हैं



पिरामिड क्यों बनाए गए थे?

पिरामिड कैसे बनाए गए थे?

पिरामिड में नींव के चारों कोने के पत्थरों में बॉल और सॉकेट बनाये गये हैं ताकि ऊष्मा से होने वाले प्रसार और भूंकप से सुरक्षित रहे। मिस्रवासी पिरामिड का इस्तेमाल वेधशाला, कैलेंडर, सनडायल और सूर्य की परिक्रमा में पृथ्वी की गति तथा प्रकाश के वेग को जानने के लिए करते थे।

गिज़ा का सबसे बड़ा पिरामिड 146 मीटर उँचा था। ऊपर का 10 मीटर अब गिर चुका है। उसका आधार क़रीब 54 या 55 हज़ार मीटर का है। अनुमान है कि 3200 ईसा पूर्व उसे बनाया गया था। यह इसके बावजूद है कि उस समय की मिस्रियों की टेक्नोलॉजी शून्य के समान थी।

कुछ लोग पिरामिडों में स्थित जादुई असर की बात भी करते हैं जो मानव स्वास्थ्य पर शुभ प्रभाव डालता है। और जानने की बात यह भी है कि गीजा के तीनों पैरामिडो कि उपर के केंद्र बिन्दू ऊपर के तारो से मिलते है। और मिस्त्र मेजहाँ पिरामिड बने है। वो ही धरती का मध्य केंद्र है।

पिरामिड इतने Perfect कैसे हैं?

अगर पिरामिड के स्ट्रक्चर की बात की जाए तो यह बिल्कुल perfect बनाया गया हैं।और इसके उतर से लेकर दक्षिण तक यह पुरी पृथ्वी को बराबर भागों में विभाजित करता है बस कुछ किलोमीटर का ही फासला है और यह भी पृथ्वी के भौगोलिक स्वरूप में परिवर्तन के कारण हुआ हैं। और सायद आपको जानकर हैरानी होगी की अगर पुरी पृथ्वी को भौगोलिक रूप से मापा जाए तो इसका केन्द्र बिन्दु( Center point ) ठीक वही जगह आता है जहाँ पर ये पिरामिड बने हुए हैं।
आसमान के तीन तारों एलाईटक, एलाईम और माईटैक तारों के साथ पिरामिड का जरूर कुछ न कुछ सम्बधं हैं। क्योंकि रात के समय इन तीनो तारों के साथ पिरामिड का perfect alignment बनता हैं। और पिरामिड का इतना perfect स्ट्रक्चर बिना अतंरिक्ष से देखे बनाया ही नहीं जा सकता है और 4,000 साल पहले तो कोई drone या helicopter भी नहीं था जिसकी मदद से स्ट्रक्चर बनाया जा सकता है तो आखिर इनको इतना perfect कैसे बना लिया गया? इसका एक ही जवाब है और वो है- एलियन। चार हज़ार साल पहले तो एलियन ही इतने शकसम थे की अपने spaceship के जरिय इसका स्ट्रक्चर तैयार कर सकते थे तथा माना जाता है की उस प्रजाती को चार हज़ार साल पहले भी पृथ्वी के बारे में इतनी जानकारी थी जितनी आज भी वैज्ञानिकों के पास नहीं हैं।

Stones of Pyramid 

पिरामिड के निर्माण में लगभग 23 लाख पत्थरों का इस्तमाल किया गया था और एक पत्थर का वजन लगभग 2,700Kg से लेकर 70,000Kg तक का है।तथा दिखने में यह पत्थर lime stone की तरह होते हैं लेकिन lime stone नहीं हैं। वैज्ञानिकों की research में यह तथ्य सामनें आया है की जिन पत्थरों का use pyramid में हुआ है वैसे पत्थर धरती पर और कहीं नहीं पाए गए हैं। तथा माना जाता है की यह पत्थर एलियन अपने साथ अपने ग्रह से लाए थे। पृथ्वी पर ही नहीं बल्कि मिश्र में भी ऐसे पत्थर और कहीं पर भी नहीं पाए गए हैं।
आज के समय में वजन उठाने वाली जो मशीन होती है वे 20,000Kg से ज्यादा का वजन नहीं उठा सकती हैं और किसी जानवर से भी इतने वजनदार पत्थर उठाना असभंव है।तो फिर चार हज़ार साल पहले तो मशीन भी नहीं होती थी तब इतने भारी पत्थरों को उठाकर इतने perfect set करना कैसे सभंव हो गया? इसका केवल एक ही जवाब है और वो है एलियन। 

Pyramid Construction Technology 

Pyramid Construction के लिए Ball & Shocket technology  का इस्तमाल किया गया था यह एक ऐसी technology है जो कि भूकम्प जैसी आपदा में भी भवन को कोई नुकसान नहीं होने देती हैं। क्या चार हज़ार साल पहले इन्सान इतने सफल थे?
या किसी और सफल प्रजाती ने उनकी मदद की थी अब यह तो कोई नहीं जानता, लेकिन इतना तय है की इन कलाकृतियों को अकेले इन्सान ने तो नहीं बनाया था।

Natural A.C in Pyramid

Pyramid जिस स्थान पर बने हुए हैं वहाॅं पर बहुत ज्यादा धूल भरी गर्म हवाएं चलती रहती है तथा गर्मी के मौसम में वहाॅं पर तापमान लगभग 50°C तक पहुंच जाता हैं।इसलिए उस समय से ही पिरामिड को कुछ इस तरह बनाया गया था की इसके बाहर का तापमान चाहे कितना भी रहे अदंर का तापमान हमेशा 20°C की रहता है जो की इन्सान के लिए सबसे perfect तापमान होता है। इसलिए इसे natural A.C कहते हैं। अब आप सोच सकते हैं की इतनी advance technology तो आज भी वैज्ञानिकों के पास नहीं हैं। जिसकी मदद से इतना perfect room तैयार कर सकें, तो फिर आज से चार हज़ार साल पहले मिश्र के लोगों के पास यह technology कहाॅं से आयी इसका जवाब तो सायद कोई नहीं जानता हैं।
लेकिन इसके सम्बधं में कुछ Theory जरूर हैं जो की यह मानती हैं कि मिश्र के लोगों को यह technology एलियन नें दि थी जो कि उन्ही तीन तारों से आए थे जिनके साथ Pyramid की perfect alignment बनती हैं। अब इस Theory में कितनी सच्चाई है यह तो सायद कोई नहीं जानता हैं।

Alien Drawing in Egypt 

Egypt में केवल पिरामिड ही नहीं बल्की और भी बहुत सारी जगह मौजूद हैं जो अपने अदंर न जाने कितने रहस्यों को समेटे हुए हैं। तथा इन रहस्यों पर से आज भी पर्दा नहीं उठ पाया हैं। इसी तरह यहाँ पर कुछ स्थानो पर एलियन जैसे प्राणी के चित्र बने हुए हैं। तथा कुछ स्थानों पर आज के modern spaceship के भी चित्र पिरामिड में पाए गए हैं। जो कि बिल्कुल एक एलियन जैसे ही हैं।

Amazing Sun alignment of Pyramid

इस धरती पर 21 जून को सबसे बड़ा दिन और सबसे छोटी रात होती है। उस दिन जब सूर्यास्त होता है तो सूर्य बिल्कुल इन तीनों पिरामिड के बीच स्थित sphinx की मुर्ती के सिर के just उपर छिपता हुआ दिखाई देता है और ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इस धरती का Geographical Center वही जगह है जहाँ पर यह बने हुए हैं। इन्हे ऐसा ही बनवाया गया था।

Egypt में एक चार हज़ार साल पुराना मदिंर है जिसमें उस समय हैथोर भगवान( Hathor god)  कि पूजा होती थी। उस मदिंर के अदंर एक ऐसा चित्र बना हुआ है जो आज भी वैज्ञानिकों को सोचने पर मजबूर करता है की क्या सच में इसे इन्सान ने बनाया था। उस मदिंर में आज के modern जमाने के जैसे बल्ब का चित्र बना हुआ हैं।इसके उपर वैज्ञानिकों का मानना है की Egyptian लोगों को lights का ज्ञान था जो कि उन्हे किसी समय यात्री या किसी एलियन ने दिया था। और इसका इस्तमाल वे लोग रात के समय पर की जाने वाली कलाकृतियों के निर्माण में करते थे।

  1. यह दुनिया के 7 अजूबों में सबसे ऊपर आता है और गीजा का महान पिरामिड सबसे पुराना है।
  2. 3,800 सालों से यह पिरामिड दुनिया की सबसे ऊंची बनावट है, जिसे कोई इमारत पीछे नहीं छोड़ सकी है।
  3. ग्रेट पिरामिड में पत्थरों का प्रयोग इस तरह किया गया है कि इसके अंदर का तापमान हमेशा स्थिर और पृथ्वी के औसत तापमान 20 डिग्री सेल्सियस के बराबर रहता है।
  4. पिरामिड में नींव के चारों कोने के पत्थरों में बॉल और सॉकेट बनाये गये हैं ताकि ऊष्मा से होने वाले प्रसार और भूंकप से सुरक्षित रहे।
  5. ग्रेट पिरामिड को गणित की जन्मकुंडली भी कहा जाता है, जिससे भविष्य की गणना की जा सकती है।
  6. कुछ लोग पिरामिडों में स्थित जादुई असर की बात भी करते हैं, जो मानव स्वास्थ्य पर शुभ प्रभाव डालता है।

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